हड़प्पा सभ्यता (सिंधु घाटी सभ्यता)
- रेडियो कार्बन c14 जैसी नवीन विश्लेषण पद्धति के आधार पर सिंधु सभ्यता की सर्वमान्य तिथि 2500 ईसा पूर्व से 1750 ईसा पूर्व मानी गई है यह नगरीकृत तथा कांस्य युगीन सभ्यता थी
- हड़प्पा सभ्यता का विस्तार उत्तर में मांडा ( जम्मू कश्मीर, चिनाब नदी), दक्षिण में दैमाबाद ( महाराष्ट्र, प्रवारा नदी), पूर्व में आलमगीरपुर ( मेरठ, हिंडन नदी) तथा पश्चिम में सुत्कागेंडोर ( बलूचिस्तान, दशक नदी ) तक था
- स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात हड़प्पा सभ्यता के सर्वाधिक स्थल गुजरात में खोजे गए हैं
नगर निर्माण योजना
- सिंधु घाटी की प्रमुख विशेषताएं इसकी नगर निर्माण योजना है नगर ग्रीड पद्धति पर बसे थे तथा सड़क के एक दूसरे को समकोण पर काटती थी
- धोलावीरा एक ऐसा नगर था जो तीन भागों में विभाजित था दुर्ग मध्य नगर और निचला नगर
- कालीबंगा का अर्थ है काले रंग की चूड़ियां कालीबंगा एकमात्र हड़प्पा कालीन स्थल था जिसका निचला शहर भी दीवार से घिरा हुआ है
- कालीबंगा से अलंकृत तथा लकड़ी की नाली के सशय से मिले हैं
- चन्हुदडो एकमात्र ऐसा स्थान है जहां से वक्राकार ईट मिले हैं परंतु यहां किलेबंदी के सशय नहीं मिले हैं
- मोहनजोदड़ो से विशाल स्नानग्रह प्राप्त हुआ है
- मोहनजोदड़ो की सबसे बड़ी इमारत है- अन्न कोठरा
- सिंधु सभ्यता के नगरों में किसी मंदिर के अवशेष नहीं मिले हैं
आर्थिक क्रियाकलाप
- सिंधु सभ्यता में कृषि संगठित रूप से की जाती थी तथा अधिशेष उत्पन्न होता था यहां गेहूं कपास इत्यादि की खेती होती थी
- कालीबंगा से जूते हुए खेत तथा हल् प्रतिकृति के सशय प्राप्त हुए हैं
- सबसे पहले कपास पैदा करने का श्रेय सिंधु सभ्यता के लोगों को जाता है
- रंगपुर और लोथल से धान की भूसी का सशय मिला है
- यद्यपि हड़प्पा संस्कृति कासयुगीन संस्कृति थी तथापि अधिकांश औजार पत्थर से ही बनते थे
- हड़प्पावासी गाय, भैंस, बकरी, इत्यादि पशुपालन थे
- कूबड़ वाला सांड विशेष महत्व का था
- लोथल से एक गोदिवाडा प्राप्त हुआ है
- चुंहूदड़ो और लोथल में मनका बनाने का कारखाना था
- सिंधु सभ्यता में लेनदेन के लिए वस्तु विनिमय प्रणाली प्रचलित थी
- हड़प्पा वासी माप तोल के लिए 16 या उसके आवर्त को को व्यवहार में लाते थे
- सामाजिक और राजनीतिक जीवन
- हड़प्पावासी समाज मातृसत्तात्मक प्रतीत होता है
- हड़प्पावासी राजनीतिज्ञ स्वरूप का कोई स्पष्ट ज्ञान हमें नहीं है
- सती प्रथा के प्रचलन का आभास भी हड़प्पा सभ्यता से ही मिला है
धार्मिक मान्यताएं
- हड़प्पा वासी के मूर्तिका में स्त्री के गर्भ से पौधे को निकलते हुए दिखाया गया है इस बात का प्रमाण है कि हड़प्पा के लोग धरती को उवरता की देवी समझते थे
- सिंधु सभ्यता में वृक्ष पूजा कथा पशु पुजा का भी प्रचलन था
- स्वास्तिक चिन्ह हड़प्पा सभ्यता की देन है
हड़प्पा सभ्यता
- 1826 में सर्वप्रथम चार्ल्स मेसन द्वारा हड़प्पा पीले का उल्लेख
- कनिंघम द्वारा 1853 तथा 473 में सर्वेक्षण
- 1921 में दयाराम साहनी द्वारा अन्वेषण तथा 1923- 24 में उत्खनन
- हड़प्पा सभ्यता का वर्तमान स्थिति मोंटगोमरी जिला (पाकिस्तान) और नदी रावी
- सिंधु सभ्यता के लोग तलवार से प्रचलित नहीं थे सिंधु सभ्यता के विनाश का संबंध कारण बाढ़ थी।